अपने गाँव में हूगा में हमने एक बीज बैंक शुरू किया।
हमारे बीज बैंक में मौजूद कुछ ही किस्में हैं – जलवायु-अनुकूल शिवगिरी कांटेदार बैंगन, सिर के आकार का सफेद बैंगन, बकरी के पैर के सूप जैसे स्वाद वाले ‘बकरी-पैर कंद’, बहु-शाखा पहाड़ी भिंडी, एक मीटर लंबा लोबिया, हर पौधे से 50 से ज्यादा फल देने वाली कद्दू की किस्म, ‘ट्रेफल डु टोगो’ टमाटर, हाथी दांत भिंडी।
अपने स्वयं के खाद्य वन के अलावा, हम 35 किसानों के साथ काम करते हैं, जो हमारे बीज बैंक के लिए सब्जियां उगाते हैं। इनमें पुरुष और महिलाएँ, दोनों शामिल हैं।
अब तक हमने 100 से ज्यादा सब्जियों का संरक्षण और प्रचार-प्रसार किया है, जिनमें से 15 दुर्लभ और 30 अति दुर्लभ हैं।
तीन महीने में एक बार हम देशी टिकाऊ खाद्य उत्पादन और बीज बचत के तरीकों के स्थानीय ज्ञान का दस्तावेजीकरण करने के लिए बीज यात्रा आयोजित करते हैं।
हाल ही में पूसा कृषि आईसीएआर – आईएआरआई उपज 2022 से मिले अनुदान से हमें ज्यादा किस्में उगाने में मदद मिलेगी और अधिक फसल देने वाली पौष्टिक सब्जियों की तलाश करने वालों को भी मदद मिलेगी।
ज्यादातर जैविक किसान देशी पारम्परिक सब्जियाँ उगाना चाहते हैं। हम उनके फार्म को प्रमाणित बीज फार्म बनाने में मदद करते हैं।