स्वर्ग में बनी जोड़ी: ओडिशा के साठ वर्षीय नवविवाहितों के लिए एक नया जीवन

केंद्रपाड़ा, ओडिशा

ओडिशा के ग्रामीण क्षेत्र में, घरेलू कठिनाइयों और अकेलेपन से जूझते हुए दो साठ वर्षीय व्यक्ति, परम्परा को चुनौती देते हुए विवाह कर लेते हैं।

दोनों की उम्र साठ वर्ष से ऊपर होने के अलावा भी, शक्तिपद मिश्र और तेजस्वनी मंडल में कई चीजें समान थी।

67-वर्षीय शक्तिपद विधुर थे, जिनकी चालीस साल से विवाहित पत्नी का निधन एक साल पहले ही हो चुका था। 63-वर्षीय तेजस्वनी विधवा थी, जिनके पति का देहांत लगभग चार साल पहले हो चुका था।

इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों को घर में उपेक्षित और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता था, क्योंकि उनके बड़े हो चुके बच्चे उनकी खास चिंता नहीं करते थे।

ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में रहते हुए, अकेलापन और निराशा ही उनके एकमात्र साथी प्रतीत होते थे, जब तक कि भाग्य ने करवट नहीं ली।

देर से जीवन में बनी प्रेम कहानी

छह महीने पहले जब शक्तिपद और तेजस्वनी की मुलाकात हुई, तो कामदेव ने दस्तक दी।

शक्तिपद मिश्र (67) और तेजस्विनी मंडल (63), 5 दिसंबर, 2022 को गांव के जगन्नाथ मंदिर में एक पवित्र समारोह में परिणय सूत्र में बंधे (नयन मणि के सौजन्य से वीडियो से ली गई फोटो)

उन्होंने इस महीने के शुरू में स्थानीय जगन्नाथ मंदिर में विवाह किया।

सफेद बाल और लगातार कमजोर होते शरीर वाले एक उम्रदराज जोड़े की शादी, ओडिशा में बड़ी खबर बन गई है। शादी के वीडियो ऑनलाइन वायरल हो रहे हैं और दूर-दूर से लोग यह जानने में गहरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं कि दोनों ने ऐसा क्यों किया।

यह एक नया जीवन है, मैं फिर से साँस ले सकता हूँ।

भद्दी टिप्पणियों के अलावा, नवविवाहित जोड़े को कुछ पड़ोसियों और रिश्तेदारों के तिरस्कार और मजाक का सामना करना पड़ रहा है।

लेकिन शक्तिपद और तेजस्वनी के लिए, यह स्वर्ग में बनी जोड़ी है।

तेजस्वनी की ओर इशारा करते हुए शक्तिपद कहते हैं – “यह एक नया जीवन है। मैं फिर से साँस ले सकता हूँ।”

शोक और अकेलापन 

शक्तिपद गोगुआ गाँव में रहते थे, जबकि तेजस्वनी लगभग 3 कि.मी. दूर बड़ापाल गांव में रहती थी।

दंपत्ति के लिए पान तैयार करते तेजस्विनी की देखते शक्तिपद (छायाकार – ऐश्वर्या मोहंती)

अपने-अपने साथियों की मृत्यु के बाद से दोनों ही संघर्ष कर रहे हैं।

शक्तिपाद के बच्चे आमतौर पर उनकी उपेक्षा करते थे।

जमींदार किसान ने बताया – “मुझे अकेले भोजन करना पड़ता था, अकेले काम पर जाना पड़ता था।”

तेजस्वनी के लिए यह बेहद बुरा था, जिनके 2 बेटों और 4 बेटियों ने कई बार उनके साथ शारीरिक उत्पीड़न भी किया।

जब मैंने उसकी आपबीती सुनी तो मुझे बहुत दुःख हुआ। हमारी परिस्थितियाँ एक जैसी ही थी और मैं उसके दर्द से जुड़ सकता था।

तभी उसकी मुलाकात शक्तिपद से हुई, जिन्होंने मेरी मदद की, पहले ईलाज करवाने में और फिर पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के लिए।

जल्द ही तेजस्वनी ने शक्तिपद के खेत में ठेके पर मजदूर के रूप में काम करना शुरू कर दिया।

इस दंपत्ति को रेडियो पर आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले गाने और समाचार सुनना बहुत पसंद है, जिसे तेजस्वनी शादी के बाद अपने साथ लेकर आई थी (छायाकार – ऐश्वर्या मोहंती)

उन्हें एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होने में ज्यादा समय नहीं लगा।

जब सहानुभूति प्यार में बदल गई

शक्तिपद याद करते हैं – “जब मैंने उसकी आपबीती सुनी तो मुझे बहुत दुख हुआ। हमारी परिस्थितियाँ एक जैसी ही थी और मैं उसके दर्द से जुड़ सकता था।”

एक बात से दूसरी बात निकली और फिर दोनों ने शादी करने का फैसला किया।

तेजस्वनी, जो अब गोगुआ में मैंग्रोव के बीच और झींगा फार्मों से घिरे शक्तिपद के घर में रहती हैं, कहती हैं – “मैं पिछले चार साल निरंतर भय में जी रही थी। लेकिन यहां मैं सुरक्षित महसूस करती हूँ।”

वह कहती हैं – “मैं अपनी चिंताओं को एक ओर रखकर फिर से मुस्कुरा सकती हूँ।”

अपने आलोचकों से बेपरवाह, दोनों अब रेडियो के प्रति अपने प्रेम के कारण पास आ रहे हैं।

हर रोज यह दंपत्ति शक्तिपद के खेत में एक साथ काम करने के लिए निकलता है (छायाकार – ऐश्वर्या मोहंती)

वे अपने बच्चों के विरोध से बेपरवाह होकर, घंटों तक एक साथ गाने सुनते हैं।

तेजस्वनी ने कहा – “पहले वे मेरी परवाह नहीं करते थे। न ही मैं उनसे अब हमारी परवाह करने की उम्मीद करती हूँ।”

एक दूसरे के सानिध्य में दोनों खुश रहते हैं। यही उनकी सबसे बड़ी खुशी है।

शीर्ष पर मुख्य फोटो में इस दंपत्ति को दैनिक कार्यों के लिए शक्तिपद के लूना पर सवार होकर उनके न अपने खेत में जाते हुए दिखाया गया है (छायाकार – ऐश्वर्या मोहंती)

ऐश्वर्या मोहंती ओडिशा स्थित  एक स्वतंत्र पत्रकार हैं। वह लैंगिक समानता, सामाजिक न्याय, ग्रामीण मुद्दों और पर्यावरण के मुद्दों पर रिपोर्टिंग करती हैं। वह ‘यूथ हब’ द्वारा समर्थित ग्रामीण मीडिया फेलो भी हैं।