संकटग्रस्त जानवरों के लिए ग्राम आश्रय (शेल्टर)

लखनऊ के बाहरी इलाके में, जानवरों के प्रति एक व्यक्ति के जुनून ने, बंदरों से लेकर गधों तक और कुत्तों से लेकर बत्तखों तक को मदद प्रदान की। लेकिन एक पशु शेल्टर चलाना हमेशा आसान नहीं होता है।

‘सायरो किंगडम’ (CYRO Kingdom) की गायों, कुत्तों, घोड़ों, गधों, बंदरों, मुर्गियों और बत्तखों के लिए, दिन की शुरुआत धीमी, लेकिन जल्दी होती है। लेकिन जब यह जानवर एक खास मोटरसाइकिल की आवाज सुनते हैं, तो सब अपने मालिक, 28-वर्षीय साइरस मैक्ल्योर के स्वागत में उठ खड़े होते हैं, कूदते और फड़फड़ाते हैं।

एकल माता की इकलौती संतान के रूप में, मैक्ल्योर हमेशा जानवरों के प्रति आकर्षित होता था। वे बचपन में उनके वफादार साथी थे।

अपने बचपन के साथियों को याद करते हुए मैक्ल्योर कहते हैं – “मैं एक टट्टू, कई डक्शंड (छोटे पैर वाले कुत्ते) और बहुत से पक्षियों के साथ बड़ा हुआ, जो अपने आसपास के शहरी जीवन की चहल-पहल से पूरी तरह आदी होकर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में रहते थे।

लेकिन जैसे-जैसे वह बड़े हुए, वे लखनऊ के बाहरी इलाकों में जानवरों के प्रति व्यवहार और बहुत से घायल और छोड़ दिए गए जानवरों की देखभाल के अभाव के बारे में चिंतित हो गए। मैक्ल्योर ने पाया कि जहां शहर में देखभाल और पशु चिकित्सक आसानी से मिल सकते हैं, ग्रामीण इलाकों में फर्क है।

14 साल की छोटी उम्र में, उनका जुनून तब उनका व्यवसाय बन गया, जब उन्होंने जमीन किराए पर ली, और धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से, एक शेल्टर स्थापित किया। आज ‘CYRO किंगडम’ लखनऊ के बाहरी इलाके में 25,000 वर्ग फुट जमीन में फैला हुआ है, जो संकटग्रस्त जानवरों के लिए एक सुरक्षित शरण प्रदान करता है। उनका सोशल मीडिया पेज भी है, जो दुनिया भर के पशु प्रेमियों तक पहुंचता है।

प्रेम के लिए मेहनत

रोज सुबह मैक्ल्योर अपने ‘किंगडम’ के हर जानवर को दुलारते हैं और उनसे बात करते हैं, क्योंकि वह और उनके कर्मचारी जानवरों को उनके बाड़े से बाहर निकालते हैं, जहां उन्होंने रात को आराम किया था। शेल्टर के जरूरी प्रशासनिक काम करने से पहले, यह सुनिश्चित करने के लिए कि सब कुछ ठीक है, मैक्ल्योर जल्दी से इसका का मुआयना करते हैं।

मैक्ल्योर अपने शेल्टर के प्रत्येक जानवर को दुलारते हैं और उनसे बात करते हैं (छायाकार – कुलसुम मुस्तफा)

दो पशु चिकित्सक रोजाना शेल्टर पर आते हैं। मैक्ल्योर काम की देखरेख करते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि किन जानवरों पर ध्यान देने की जरूरत है।

शेल्टर न सिर्फ पशु प्रेमियों के लिए, बल्कि इलाके के उन छोटे किसानों के लिए एक प्रकाश-स्तंभ बन गया है, जिनके एक या दो जानवर उनकी आय का बड़ा हिस्सा प्रदान कर सकते हैं। मैक्ल्योर और उनके पशु चिकित्सक, मुफ्त में चिकित्सा सहायता प्रदान करते हैं।

शाम 5 बजे, सीटी बजने तक, जानवरों को खुला घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है, जब वे जानते हैं कि यह उनके बाड़ों में लौटने का वक्त है। मैक्ल्योर के चरवाहे कुत्ते, उन जानवरों को एक हलका धक्का देते हैं, जो जाना नहीं चाहते। लेकिन शेल्टर चलाना हमेशा आसान नहीं होता। हर दिन एक नई चुनौती लेकर आता है।

शेल्टर चलाने में बहुत मेहनत लगती है, क्योंकि हर दिन एक अलग चुनौती लेकर आता है (छायाकार – कुलसुम मुस्तफा)

लखनऊ में हाल ही में हुई बारिश की बाढ़ से, शेल्टर के बड़े हिस्सों में पानी भर गया। पानी निकालने के लिए सभी ने कड़ी मेहनत की और जोंक एवं सांपों को दूर रखते हुए, छोटे जानवरों को ऊंची जमीन पर ले जाने के लिए भागदौड़ करते रहे।

शेल्टर के खर्चों में सहायक गायों का दूध

ऐसे शेल्टर को चलाने में पैसा खर्च होता है। इलाज के खर्च की तरह, पशुचारा खर्चीला हो सकता है। मैक्ल्योर पार्ट टाइम ट्यूशन पढ़ाते हैं और उससे मिली अपनी कमाई का ज्यादातर हिस्सा शेल्टर चलाने में इस्तेमाल करते हैं। सौभाग्य से, उनके कुछ जानवर आय का एक स्रोत भी प्रदान करते हैं।

मैक्ल्योर कहते हैं – “खेत की पैदावार और हमारी चार गायों का दूध, शेल्टर चलाने का आधा खर्च पूरा करने में मदद करते हैं। मैं और मेरी मां बाकी का योगदान करते हैं।”

स्थानीय पशु प्रेमी भी दान और चारा प्रदान करते हैं। लेकिन मैक्ल्योर का कहना था कि वह केवल तभी योगदान स्वीकार करते हैं, जब शेल्टर को सख्त जरूरत होती है।

मैक्ल्योर एक लाइसेंस-शुदा डॉग-ब्रीडर भी हैं और कुत्तों में वंशावली बनाए रखने के लिए उत्सुक है। वह कहते हैं – “बाजार घटिया, सस्ते कुत्तों से भरा हुआ है।” हालांकि वह केवल अनुरोध पर ही चयनात्मक प्रजनन करते हैं।

विदेश में पशु प्रेमियों तक पहुंचना

मैक्ल्योर की सहायता टीम की हिस्सा, अमीना हसन, जो शेल्टर चलाने में अक्सर हाथ बंटाती हैं, कहती हैं – “यह सज्जन व्यक्ति असहाय जानवरों के लिए एक नायक है।”

साइरस मैक्ल्योर असहाय जानवरों के लिए नायक के रूप में देखे जाते हैं (छायाकार – कुलसुम मुस्तफा)

उनकी मां पामेला मैक्ल्योर, जिनसे उन्हें जानवरों के प्रति उनका प्यार विरासत में मिला, उनके काम पर गर्व करती हैं।

वह कहती हैं – “जानवरों के लिए उनका समर्पण प्रशंसकों के दिलचस्प लम्हों तक ले जाता है। एक बार की बात है, जब कोलंबो में इमिग्रेशन काउंटर के एक अधिकारी ने साइरस को पहचान लिया, और कहा कि उन्होंने और उनके बच्चों ने उनके सोशल मीडिया पेज (फेसबुक और इंस्टाग्राम) के माध्यम से उनके काम के बारे में जाना, और कि वे उनके बड़े प्रशंसक हैं।”

मैक्ल्योर ने स्वीकार किया कि परिवार और दोस्तों का ऐसा सहयोग उन्हें उनका काम करते रहने में मदद करता है। लेकिन असल में यह जानवरों के प्रति उनका प्यार ही है, जो उन्हें प्रेरित करता है।

वास्तव में, उन्हें लगता है कि जानवर दूसरे बच्चों को भी जीवन में अपना रास्ता खोजने में मदद कर सकते हैं और शेल्टर का बच्चों के लिए एक घुड़सवारी संस्थान के रूप में विस्तार करना चाहते हैं। उनका दृढ़ विश्वास है कि इस तरह का शौक बच्चों को नशीले पदार्थों और नकारात्मक प्रभावों से दूर रखेगा। वह पहले से ही अपने स्टाफ के बच्चों को घुड़सवारी सिखा रहे हैं।

वह कहते हैं – “मेरा अच्छी नस्ल के घोड़ों का एक स्टड फार्म (घोड़ा फार्म) बनाने और युवाओं को घुड़सवारी में प्रशिक्षित करना मेरा जुनून है।”

कुलसुम मुस्तफा लखनऊ स्थित एक स्वतंत्र पत्रकार हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।