Anish Kumar is part of the lead team at Transform Rural India Foundation. He was earlier a member of the leadership team of Professional Assistance for Development Action (PRADAN).
Author: अनीश कुमार
कहानी पवन चक्कियों और महिलाओं की
पवन चक्की संयंत्र आमतौर पर अक्षय ऊर्जा का एक लाभकारी स्रोत होते हैं। लेकिन क्या होता है, जब वे प्राचीन आदिवासी भूमि से हो कर गुजरते हुए, आजीविका और पहचान के खो जाने का डर पैदा करते हैं? ‘इंडिया फेलो’, अनीश मोहन पता लगाते हैं।
विलेज स्क्वायर की संकल्पना और शुरूआत
अनीश कुमार, ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया फाउंडेशन के सह-प्रमुख और विलेज स्क्वायर इंसेप्शन टीम के सदस्य है | अनिश कहते हैं कि विलेज स्क्वायर भारत के संस्थापकों से प्रेरणा लेकर शहरी और ग्रामीण भारत के बीच की खाई को पाटने के उद्देश्य से संकल्पित किया गया है|
विकेन्द्रीकरण से स्थानीयकरण: समूह एवं स्थानीय विकास
स्थानीय प्रशासन के साथ काम करने वाले सामुदायिक समूहों ने महामारी की स्थिति को उलट दिया और आजीविका सहयोग सुनिश्चित किया है। आपस में जुड़े प्रक्रियात्मक उपायों से बना तालमेल महामारी के बाद भी जारी रह सकता है
स्थानीयकरण के लिए विकेंद्रीकरण: समुदाय-पंचायती राज संस्थाओं-सरकार के बीच उभरता अनुबंध
ग्रामीण सार्वजनिक व्यवस्थाओं की कमियों को भरने के लिए समुदायों के उठ खड़े होने के साथ, समय आ गया है कि सामाजिक पूंजी की संभावना को पहचाना जाए, और ग्रामीण कायापलट के लिए जमीनी संस्थानों को मजबूत किया जाए।