Author: अश्विनी कुमार शुक्ला
झारखंड की आदिवासी महिलाओं के प्राकृतिक कप और दोने का कोई खरीदार नहीं
सैकड़ों महिलाएं पर्यावरण-अनुकूल, साल के पत्ते के कप और दांत साफ करने वाली दातून बेचती हैं, लेकिन मुश्किल से 70 रुपये प्रतिदिन कमा पाती हैं। फिर भी, कठिन जीवन के बावजूद उनकी मुस्कुराहट बनी रहती हैं।