Author: संजीव फंसालकर
गरीबी के विरुद्ध सबसे मजबूत उपाय है, जल नियंत्रण
जब एक बार हम यह समझ लेते हैं कि एक ही उपाय हर स्थिति में कारगर नहीं होता, तो सरकार और नागरिक समाज संगठनों के लिए, देश के विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में जल प्रबंधन की स्थिति-अनुसार वैसी रणनीति बनाना आसान होगा, जो सही मायनों में ग्रामीण गरीबों को लाभान्वित कर सके
आदिवासी क्षेत्रों के लिए दूध उत्पादन में बहुत बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं
सरकार और विशेषज्ञ एजेंसियों की थोड़ी सी मदद से, मध्य और पूर्वी भारत के आदिवासी लोगों में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने से, लाखों को गरीबी से मुक्ति दिलाने की क्षमता है
क्या एक नुकीला कुदाल एक मोती में छेद कर सकता है?
ग्रामीण भारत में समाज के बिखरे और अलग-थलग किए वंचित समूहों तक कल्याणकारी सेवाएं पहुंचाने में गंभीर चुनौतियां हैं, और इनसे निपटने के लिए सरकारी-तंत्र सक्षम नहीं है।
लौटे प्रवासी: निराशा और सामंजस्य
काम के स्थान (शहर) की दूरी, नियोक्ता (मालिक) की नौकरी देने की प्रतिबद्धता और मूल गाँव में आजीविका के अवसर, लौट कर आए प्रवासियों के फैसले का आधार हैं, कि वे लॉकडाउन समाप्ति के बाद प्रवास करें या नहीं। तब तक वे उपलब्ध संसाधनों से ही सामंजस्य बैठाते हैं