Author: शोमा अभयंकर
सॉफ्ट टॉयज बना कर पाया पुरस्कार
चंद्रकला वर्मा को अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने का अवसर नहीं मिला। 18 साल की उम्र में विवाह और कुछ करने की ललक के साथ, उन्होंने सॉफ्ट टॉयज (नर्म खिलौने) बनाने के प्रशिक्षण के लिए दाखिला लिया। उनके कौशल ने उन्हें न सिर्फ एक उद्यमी और एक रोजगार प्रदान करने वाली बनाया, बल्कि उन्हें एक राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिलवाया।
गृहिणी बनी सॉफ्ट टॉय उद्यमी
एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के बाद, राजस्थान की एक गृहिणी नर्म खिलौने (सॉफ्ट टॉयज) बनाने वाली शिल्प उद्यमी बन जाती है और अपने गाँव की अन्य महिलाओं को रोजगार देती है।