Author: शुभलक्ष्मी दलवी
लुप्त होती बाँस की टोकरियाँ बुनने की कला
अपनी पारम्परिक आजीविका, बाँस की टोकरियाँ बुनकर पैसा कमाने के लिए संघर्ष कर रहे एक दंपति को देखकर, एक विकास प्रबंधन छात्र हैरान है कि क्या सरकार से कुछ सहायता की उम्मीद करना गलत है।
अपनी पारम्परिक आजीविका, बाँस की टोकरियाँ बुनकर पैसा कमाने के लिए संघर्ष कर रहे एक दंपति को देखकर, एक विकास प्रबंधन छात्र हैरान है कि क्या सरकार से कुछ सहायता की उम्मीद करना गलत है।