आजीविका
बुनना भविष्य को, मीटर दर मीटर !
असम के बोडोलैंड के गाँवों में, जहाँ हर बोडो घर में एक करघा है, श्यामा ब्रह्मा बुनाई से ठीक-ठाक आय अर्जित करती हैं, और इस लुप्त होते इस पारंपरिक कौशल को अपनी बेटियों को सौंपने की कोशिश कर रही हैं
स्थानीय आजीविकाओं से शोषणकारी श्रम-तस्करी पर लगा अंकुश
गरीब ग्रामीणों को बंधुआ प्रवासी मजदूर बनने से रोकने के लिए, ओडिशा सरकार को, बिचौलियों से मुक्ति और बेहतर मजदूरी के साथ ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम सम्बंधी नए प्रयासों को मजबूत बनाना होगा।
ग्रामीण महिलाओं ने सुजिनी कशीदाकारी को विश्व के मानचित्र पर स्थापित किया
बिहार की महिला शिल्पकारों ने कभी स्थानीय उपयोग के लिए तैयार की जाने वाली पारंपरिक कशीदाकारी सुजिनी को, आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप ढाल कर एक अंतरराष्ट्रीय आकर्षण प्रदान किया है।
तटीय किसान, दमदार घास ‘खसखस’ से दौलत कमा रहे हैं
भारत के पूर्वी तट के किसान, जो हमेशा चक्रवात और बाढ़ के साए में रहते हैं, ने खसखस की खेती से व्यावसायिक सफलता हासिल की है| खसखस, जिसे खस भी कहा जाता है, एक बारहमासी घास है, जिसके कई उपयोग हैं|