आजीविका
ग्रामीण अर्थव्यवस्था: आराम और इतिहास को सिलती कर्नाटक रजाई
आमतौर पर एक अतिरिक्त प्रयास के रूप में देखी जाने वाली, कर्नाटक की रजाई बनाने वाली कुशल महिलाएं, कपड़े के रंगीन टुकड़ों को खूबसूरत ‘पैबंद रजाई’ (पैचवर्क रजाई) में बदल कर अपनी विरासत को जीवित रखती हैं और अच्छा पैसा भी कमाती हैं।
देसी मुर्गों से हुआ ओडिशा की आदिवासी महिलाओं का सशक्तिकरण
दक्षिणी ओडिशा के मलकानगिरी जिले में, आदिवासी महिलाएं अपने परिवार की आय बढ़ाने और अपने परिवार के लिए बेहतर पोषण सुनिश्चित करने के लिए, खुला-फार्म विधि से स्थानीय नस्लों के मुर्गे पाल रही हैं।
घुमन्तु, पशुपालक गुज्जरों की कहानी
वन में रहने वाले गुज्जर, हर साल की तरह उत्तराखंड के आंशिक रूप से सूख चुके बांध की ओर प्रवास करते हैं, जहां उनके पशुओं को चरने के लिए अच्छी मात्रा में चारा और पानी मिलते हैं, और वे आसपास के कस्बों में दूध बेच आते हैं।
विनाशकारी बाढ़, ओडिशा के किसानों का नया संकट
चक्रवातों की मार से बर्बाद, ओडिशा की कृषि भूमि अब बाढ़ की चपेट में है और इसके किसान बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं और सरकारी मुआवजे की उम्मीद कर रहे हैं।