शासन
बहु-आयामी योजना से मिलेगी पूर्वोत्तर में टिकाऊ अर्थव्यवस्था बनाने में मदद
अपनी गत समय की सामाजिक अस्थिरता और आजीविका अवसरों की कमी के कारण विकास में पिछड़ गया। महामारी से क्षेत्र को एक नई अर्थव्यवस्था विकसित करने का अवसर मिला है
क्या एक नुकीला कुदाल एक मोती में छेद कर सकता है?
ग्रामीण भारत में समाज के बिखरे और अलग-थलग किए वंचित समूहों तक कल्याणकारी सेवाएं पहुंचाने में गंभीर चुनौतियां हैं, और इनसे निपटने के लिए सरकारी-तंत्र सक्षम नहीं है।
समस्याओं को सुलझाने और अपने गांव का कायापलट करने के लिए एकजुट हुई महिलाएँ
ग्राम संगठन की छत्र-छाया में महिला स्व-सहायता समूहों की सदस्य, खनन कंपनी के खिलाफ गतिरोध सहित, अपने गाँव की सांझी समस्याओं का समाधान करती हैं
लौटे प्रवासी: एक विराम या एक सपने का अंत?
लॉकडाउन ने प्रवासी मजदूरों को घर लौटने के लिए मजबूर कर दिया है। नकद बचत के बिना और काफी समय से फंसी पगार के कारण, उनका भविष्य इतना अनिश्चित है, जितना पहले कभी नहीं था