स्वास्थ्य
टेक्नोलॉजी द्वारा ग्रामीणों को दूर स्थानों से स्वास्थ्य परामर्श प्राप्त में मदद मिलती है
एक तकनीकी ऐप, ई-संजीवनी, ग्रामीण रोगियों को मोबाइल फोन के माध्यम से डॉक्टरों से परामर्श लेने में मदद करता है। यह महामारी और लॉकडाउन के समय दूरदराज़ स्थानों से COVID-19 संबंधी परामर्श के लिए सहायक हुआ है
किशोरी बालिकाओं में बढता कुपोषण: स्वस्थ भारत के अस्वस्थ युवाओ की कहानी बताता हुआ
कोरोना महामारी के इस दौर में ऐसी बहुत सी बीमारियां हैं, जो मानव जीवन को धीरे धीरे अपना शिकार बना रही हैं। महामारी के दौर में ऐसी समस्याओं पर सरकार एवं समाज का ध्यान कम ही जा रहा है| ऐसी ही एक व्यापक समस्या कुपोषण को है, जो युवाओं विशेषकर किशोरी बालिकाओं में काफी पाया जा रहा है। ऐसी ही परिस्थिति राजस्थान के ग्रामीण अंचलो में धीरे धीरे बढती जा रही है| इसके लिए सामाजिक रीती-रिवाज़ एवं जागरुकता की कमी के साथ साथ सरकारी कार्यक्रमों की पहुँच जिम्मेदार है|
‘वैवाहिक आशीर्वाद’ से महिलाओं को प्रजनन तंत्र को समझने में मदद मिली
परम्परागत फूलो-फलो आशीर्वाद, जो हर नवविवाहित जोड़े को मिलता है, एक भौतिकवादी आशीर्वाद लगता है। जनन-क्षमता को लेकर इसके गहरे मतलब के अनुसार, यह महिलाओं को प्रजनन स्वास्थ्य को समझने में मदद करता है
किशोरियाँ पूर्ण सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ी
दमनकारी नियम-कायदों ने किशोरियों को खराब स्वास्थ्य और शीघ्र विवाह की ओर धकेल दिया। समूहों में एक साथ लाने से, उन्हें अपने स्वास्थ्य में सुधार करने, बाल विवाह को रोकने और व्यावसायिक कौशल सीखने में मदद मिली है