ग्रामीण समाचार
मधुमक्खी पालन से छत्तीसगढ़ की जनजातियों ने चखा सफलता का स्वाद
वन उपज, वर्षा आधारित कृषि और जंगल के शहद पर निर्भर, दंतेवाड़ा के खनन क्षेत्र में हाशिये पर जीवन जीने वाली स्थानीय जनजातियों ने आधुनिक मधुमक्खी पालन को सफलतापूर्वक अपना लिया है।
असम में पारम्परिक कृषि ज्ञान आज भी प्रासंगिक है
अब वैज्ञानिक छंदबद्ध मुहावरों, ‘डाकोर बोसोन’ के पीछे के ज्ञान की पुष्टि कर रहे हैं, जो सदियों से असम और इसके पड़ोसी क्षेत्रों में किसानों का मार्गदर्शन करता रहा है।
अत्यधिक मछली पकड़ने से साँसत में हिल्सा मछुआरे
बंगाल के हावड़ा जिले के हिल्सा मछुआरे पकड़ी जाने वाली मछलियों की घटती मात्रा, मशीनीकृत ट्रॉलरों और गैर पारम्परिक मछुआरों के इस आकर्षक व्यवसाय में आने से हुई कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण संघर्ष कर रहे हैं।
लवणता से निपटने के लिए तटीय किसानों ने अपनाए नवाचार उपाय
तटीय तमिलनाडु के किसान वर्षा जल संचयन और पारम्परिक जैविक खेती के तरीकों को पुनर्जीवित करके, सूखे और भूजल स्तर में गिरावट के कारण होने वाली लवणता का मुकाबला कर रहे हैं।