ग्रामीण समाचार
सालभर बीहू के इंतज़ार में सामूहिक बुनाई करने वाली मिशिंग महिलाएं अब अकेले कर रहीं बुनाई
आमतौर पर सामुदायिक केंद्र में, समूहों में पारम्परिक कपड़े बुनने वाली मीशिंग जनजाति की महिलाएं, अब घर पर ही अकेले बुनाई करती हैं, ताकि सोशल डिस्टैन्सिंग के माध्यम से कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके
अविकसित क्षेत्रों के विकास की बाधा – कुशल पेशेवरों का अभाव!
भारत के बेहद अविकसित मध्य और पूर्वी पहाड़ी आदिवासी क्षेत्रों में सेवाएँ प्रदान करने वाले अध्यापक और स्वास्थ्य-कर्मियों जैसे जमीनी-स्तर के कुशल पेशेवर बहुत कम हैं। यह एक ऐसी समस्या है, जिसका कोई आसान समाधान भी नहीं है।
बुनना भविष्य को, मीटर दर मीटर !
असम के बोडोलैंड के गाँवों में, जहाँ हर बोडो घर में एक करघा है, श्यामा ब्रह्मा बुनाई से ठीक-ठाक आय अर्जित करती हैं, और इस लुप्त होते इस पारंपरिक कौशल को अपनी बेटियों को सौंपने की कोशिश कर रही हैं
बाल पंचायतों ने गांव प्रमुखों को, सेवाओं में सुधार के लिए प्रेरित किया
जीवन और सामाजिक सुरक्षा के अपने अधिकारों के प्रति जागरूक, बाल पंचायतों के स्कूली छात्रों ने ग्रामीण प्रशासकों को अपने गांवों के विकास के लिए आवश्यक, बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए मजबूर कर दिया