स्वास्थ्य एवं पोषण
ओडिशा में पोषण-सखियों ने बदला प्रजनन-स्वास्थ्य का परिदृश्य
पोषण सखी या पोषण मित्र के रूप में प्रशिक्षित महिलाएं ग्रामीण महिलाओं, विशेषकर गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को पौष्टिक भोजन खाने और एनीमिया और कम वजन वाले प्रसव पर काबू पाने के लिए सलाह और मदद करती हैं।
आदिवासी माताओं के काम में सहायक शिशुगृह
आदिवासी बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाने और महिलाओं को अपने छोटे बच्चों की चिंता किए बिना वनोपज इकट्ठा करने में मदद करने के लिए, ओडिशा सरकार ने बच्चों के लिए शिशुगृह (क्रेश) शुरू किए हैं।
प्रोसेस्ड खाने का शिकार होता ग्रामीण भारत
प्रोसेस्ड फास्ट फूड के प्रति आकर्षण सिर्फ शहरी भारत की समस्या नहीं है, ‘डेवलपमेंट इंटेलिजेंस यूनिट’ के एक हालिया सर्वेक्षण से पता चलता है कि ग्रामीण भारतीयों को आसानी से उपलब्ध जंक फूड से बचना मुश्किल होता जा रहा है।
ओडिशा के ग्रामीणों का लाल चींटी से संघर्ष
अपने डंक से चकत्ते और सूजन करने वाले, लाल अग्नि चींटी रुपी ‘दुश्मनों’ के सैलाब से लड़ने के लिए, ओडिशा के एक गांव के निवासियों को रासायनिक छिड़काव के द्वारा लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है।