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आवागमन को बेहतर बनाने के लिए, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने अपनाई साइकिल
मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा), जो काम पर आने जाने के लिए अपने परिवार के पुरुषों पर निर्भर थी या रोज कई मील पैदल चलती थी, साइकिल चलाना सीखने के बाद समय की पाबंद और सक्षम हो गई हैं।
‘कोरोना‘ ग्रामीण भारत और उसकी अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करेगा
लॉकडाउन के प्रभाव से शहरों में कोई आर्थिक गतिविधियां न होने के कारण, जो प्रवासी अपने मूल गांवों में वापिस आए हैं और गाँवों में रहने वाले मजदूरों के लिए आगामी महीने तकलीफदेह होंगे
सालभर बीहू के इंतज़ार में सामूहिक बुनाई करने वाली मिशिंग महिलाएं अब अकेले कर रहीं बुनाई
आमतौर पर सामुदायिक केंद्र में, समूहों में पारम्परिक कपड़े बुनने वाली मीशिंग जनजाति की महिलाएं, अब घर पर ही अकेले बुनाई करती हैं, ताकि सोशल डिस्टैन्सिंग के माध्यम से कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके