यह विलेज स्क्वायर की 2016 में शुरुआत से, 2021 में पुनः लॉन्च होने तक की जेंडर-संबंधित अंतर्दृष्टिपूर्ण कहानियों का एक संग्रह है। जेंडर से सम्बंधित हाल की कहानियों के लिए “उसका जीवन” अनुभाग देखें।
जेंडर
साक्षरता के लिए 30 घंटे
उल्लास भरे वातावरण में रोज एक घंटा गतिविधियों पर बिताने और विशेष रूप से तैयार पाठों से, सभी उम्र के प्रवासी मजदूरों को निरक्षरता से बाहर निकलने में मदद मिलती है।
जीवन कौशल सम्बन्धी वीडियो एक जीवन रेखा हैं
भारत के सबसे ज्यादा हाशिये पर रहने वालों के लिए, सूचना और बुनियादी जीवन कौशल तक पहुंच, उतनी महत्वपूर्ण कभी नहीं रही, जितनी कि महामारी के दौरान। नाटकीय वीडियो और तकनीक खाई को पाट रहे हैं।
अखरोट बाजार – एक टेढ़ी खीर
शहरी भारत को अखरोट बहुत पसंद है। लेकिन इस स्वादिष्ट "सुपर फ़ूड” (शानदार भोजन) को उगाने में बहुत मेहनत लगती है और कश्मीरी अखरोट उत्पादक किसान सस्ते विदेशी आयात से हार रहे हैं।
स्थानीय किसानों ने पैदा की फलों की नई किस्में
क्या आपने कभी कामना की है कि आप साल भर आम, कम बीज वाले सीताफल (शरीफा) या जंबो अंगूर प्राप्त कर सकें? अब आप कुछ नवाचारी, स्व-शिक्षित किसानों की बदौलत ऐसा कर सकते हैं।
लद्दाख में सूखे शौचालय जैविक खेती में सहायक होंगे
मानव मल को तेजी से विघटित करने और उत्पादकता बढ़ाने में सहायक बैक्टीरिया-वर्द्धक, पारम्परिक सूखे शौचालयों को बढ़ावा देने में, और इस प्रकार जैविक खेती और जल संरक्षण में मदद करते हैं।
समुदाय महत्वपूर्ण प्राचीन तालाबों का बचाव सुनिश्चित करता है
नियमित रखरखाव सुनिश्चित करके और अतिक्रमण रोककर, अपने जल निकायों को पवित्र मानने वाले ग्रामीणों ने सदियों पुराने जीवनदायी तालाबों की रक्षा की है।
हरियाणा में भूजल दोहन को रोकने के लिए फसल विविधीकरण की शुरुआत की गई
हरियाणा का भूजल निकासी राज्य के वार्षिक निकासी योग्य संसाधनों की तुलना में बहुत ज्यादा है। भूजल स्तर में गिरावट कम करने के लिए सरकार किसानों को अधिक सिंचाई वाले धान की बजाए दूसरी फसलों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है|
पारम्परिक पशुपालकों ने किया स्वदेशी नस्ल के ‘डांगी’ गोधन का संरक्षण
अपने पारम्परिक ज्ञान और वैज्ञानिकों के तकनीकी सहयोग को मिलाकर, महाराष्ट्र के पशुपालकों ने स्वदेशी नस्ल के ‘डांगी’ गाय का संरक्षण किया, जो अपनी मजबूत एवं सहनशील प्रकृति के लिए मशहूर है
लॉकडाउन के समय हुई पहल ने ग्रामीणों को सामाजिक कल्याण प्रावधानों से जोड़ा है
लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण परिवारों की सहायता की एक पहल, ‘मिशन गौरव’ ने ग्रामीणों को विभिन्न सरकारी कल्याण योजनाओं के बारे में जागरूक किया और उन्हें प्रावधानों तक पहुँच में मदद की।