ग्रामीण भारत मूल गिग-इकोनॉमी (परियोजना आधारित अर्थव्यवस्था) के मजदूर का घर है। उद्यमी ग्रामीण, खेतों की जुताई से दुकान चलाने, रोज घर-घर जाकर सामान बेचने तक पहुँच जाते हैं। सूक्ष्म-उद्यमों, ग्रामीण स्टार्ट-अप और भारत के ग्रामीणों की बदलती आजीविकाओं के नवीनतम रुझानों के बारे में पढ़ें।
आजीविका
खूबसूरत बस्तर का इंस्टाग्राम किया जा सकने वाला ‘आर्ट कैफे’
बस्तर के जगदलपुर में स्थित, यह आर्ट कैफे अपने चिल्ला (चावल से बना) जैसे स्वादिष्ट स्थानीय व्यंजनों, आदिवासी दीवार-कला और अपनी छत से दिखाई देने वाले भव्य सूर्यास्त के लिए प्रसिद्ध है।
पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करता राजस्थान का ग्रामीण जीवन संग्रहालय
विभिन्न प्रकार की झाड़ू प्रदर्शित करता, "झाड़ू संग्रहालय" के उपनाम से प्रसिद्ध, राजस्थान का ‘अरना झरना संग्रहालय’ दर्शाता है कि रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली बुनियादी वस्तुओं के माध्यम से संस्कृति और भोजन कैसे जुड़ते हैं।
सफारी से मिला बस्तर पर्यटन को बढ़ावा
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अंदर सफारी यात्राएं प्रदान करने के लिए, छत्तीसगढ़ के युवाओं के एक समूह ने SUV (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स) खेल उपयोगिता वाहनों में निवेश किया, जिससे उन्हें आय प्राप्त होती है और बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा मिलता है।
कारगिल का खुबानी से बना “चमत्कारी पेय” – फटसींगु
लद्दाख के कारगिल क्षेत्र के लोगों का मानना है कि खुबानी से बना पेय ‘फटसींगु’ न सिर्फ उन्हें स्वस्थ, लम्बा जीवन प्रदान करने वाला एक पेय है, बल्कि सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए "इलाज" भी है।
‘उल्टा दहेज – सशक्तिकरण या अधीनता?
हालांकि बरेला आदिवासियों द्वारा "दुल्हन मूल्य" यानि उल्टा दहेज देकर महिलाओं से शादी करने की प्रथा महिलाओं को सशक्त बनाने वाली प्रतीत होती है, लेकिन एक विकास कार्यकर्ता को लगता है कि यह असल में दुल्हनों को "खरीदना" है।
क्या “फ़िल्मी गाँव” असली ग्रामीण भारत दिखाते हैं?
अतीत की फिल्मों के गाँव या तो मनोहर होते थे या फिर निराशाजनक। लेकिन आजकल की फ़िल्में ज्यादा यथार्थवादी हैं, जो शहरी और ग्रामीण दृष्टिकोण के बीच की खाई को पाटती हैं।
मध्य प्रदेश में महिला समूहों द्वारा खाद्य सुरक्षा में सुधार
ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया फाउंडेशन के एक विकास कार्यकर्ता के अनुसार, मध्य प्रदेश में भोजन के सार्वजनिक वितरण में महिला स्वयं सहायता समूहों को शामिल करने से खाद्य सुरक्षा मजबूत हो रही है।
ओडिशा के ग्रामीणों का लाल चींटी से संघर्ष
अपने डंक से चकत्ते और सूजन करने वाले, लाल अग्नि चींटी रुपी ‘दुश्मनों’ के सैलाब से लड़ने के लिए, ओडिशा के एक गांव के निवासियों को रासायनिक छिड़काव के द्वारा लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
भारत की खान-पान की आदतों पर आश्चर्यजनक निष्कर्ष
‘डेवलपमेंट इंटेलिजेंस यूनिट’ (डीआईयू) का एक नया अध्ययन, ग्रामीण भारत की खान-पान की आदतों पर प्रकाश डालता है और कई मिथकों को नकारता है, जैसे अमीर लोग गरीबों की तुलना में ज्यादा विविध आहार खाते हैं।