आजीविका

ग्रामीण भारत मूल गिग-इकोनॉमी (परियोजना आधारित अर्थव्यवस्था) के मजदूर का घर है। उद्यमी ग्रामीण, खेतों की जुताई से दुकान चलाने, रोज घर-घर जाकर सामान बेचने तक पहुँच जाते हैं। सूक्ष्म-उद्यमों, ग्रामीण स्टार्ट-अप और भारत के ग्रामीणों की बदलती आजीविकाओं के नवीनतम रुझानों के बारे में पढ़ें।

her life

गर्मियों में कच्ची बस्तियों के घरों में टिकाऊ छतों द्वारा ठंडक

उन अनौपचारिक (कच्ची) बस्तियों में, जहां पर्यावरण संबंधी मुद्दों का ध्यान रखे बिना घर बनाए जाते हैं, और लोगों का कठोर गर्मी पर नियंत्रण का कोई तरीका नहीं होता, वहां गर्मी से राहत के लिए समाधान प्रदान करने के प्रयास हो रहे हैं।

her life

पिंजरे में मछली-पालन से उसी बांध से मिली ज्यादा मछलियाँ

एक ही बांध में मछली पकड़ने के लिए बढ़ती संख्या में मछुआरों की होड़ के साथ, उनकी आजीविका दांव पर थी। बांध के अंदर पिंजरों में मछलियां पालने से मछुआरों को बेहतर कमाई में मदद मिलती है।

her life

हमारा जल, हमारा प्रबंधन

जल जीवन मिशन (जेजेएम) के माध्यम से पाइप द्वारा जल आपूर्ति योजना को लागू करने में स्थानीय समुदाय को शामिल करना महत्वपूर्ण है, जैसा कि मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की सीख से साबित होता है।

her life

संयोग से बनी डेयरी किसान

दूध के महंगे दामों से बचने के लिए, नमिता पतजोशी ने एक गाय खरीदी। अतिरिक्त दूध पड़ोसियों को बेचने से शुरू हो कर, उनकी पशुशाला एक बड़े डेयरी फार्म में विकसित हो गई है। अपने तीन बच्चों की पढ़ाई के बाद, अब वह अपने कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित करना चाहती हैं।

her life

असम में बाढ़ ने नए क्षेत्रों में फैल कर किया भारी नुकसान

जहां भारी बारिश और नदी के रास्तों पर अवरोध असम में बाढ़ का कारण बना है, वहीं बाढ़ के पानी के नए क्षेत्रों में प्रवेश करने से पहले की तुलना में अधिक नुकसान हुआ है।

her life

महाराष्ट्र के इस गाँव के अंगूर के बागों के लिए एक हजार तालाब

जब अधिक जल-खपत वाली फ़सलों की जगह अंगूर उगाने से सूखा-संभावित मनेराजुरी के किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो खेत में तालाब खोदकर और वर्षा जल-संचयन करके उन्हें एक स्थायी जल स्रोत प्राप्त हुआ।

her life

‘असम में चार दशकों की सबसे भयानक बाढ़’

असम में आई बाढ़ ने मानव जीवन को बुरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। विलेज स्क्वेयर ने ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन (TRIF) के ज्योतिष्मय डेका और राजदीप सरकार से बातचीत की, जो बोडोलैंड ट्राइबल रीजन (BTR) में बाढ़ राहत कार्य से जुड़े हैं।

her life

‘मैं जंगलों के बिना नहीं रह सकती’

वन्यजीव जीवविज्ञानी प्राची मेहता अपने स्कूल के दिनों से ही जंगलों और वन्यजीवों की ओर आकर्षित रही हैं। जंगल, जहां बहुत सी महिलाएं घूमने से हिचकिचाती हैं, उनका जुनून है, जहां वह अपने पुणे स्थित संगठन, ‘वाइल्डलाइफ रिसर्च एंड कंजर्वेशन सोसाइटी’ के माध्यम से, अपने पति के साथ अपना वन्यजीव शोध और संरक्षण कार्य करती हैं।

her life

‘8 अरब लोग, 8 अरब अवसर’

वर्ष 2022 में दुनिया की आबादी 8 अरब तक पहुंचने की उम्मीद है। दुनिया के लिए और विशेष रूप से भारत के लिए इसके क्या मायने हैं? 11 जुलाई को मनाए जाने वाले विश्व जनसंख्या दिवस पर, भारत में न्यायसंगत विकास और परिवार नियोजन से संबंधित विभिन्न मुद्दों को बेहतर ढंग से समझने के लिए, विलेज स्क्वेयर ने संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए), राजस्थान कार्यालय के राज्य प्रमुख, दीपेश गुप्ता से बात की।