कुपोषण
आदिवासी माताओं के काम में सहायक शिशुगृह
आदिवासी बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाने और महिलाओं को अपने छोटे बच्चों की चिंता किए बिना वनोपज इकट्ठा करने में मदद करने के लिए, ओडिशा सरकार ने बच्चों के लिए शिशुगृह (क्रेश) शुरू किए हैं।
किशोरी बालिकाओं में बढता कुपोषण: स्वस्थ भारत के अस्वस्थ युवाओ की कहानी बताता हुआ
कोरोना महामारी के इस दौर में ऐसी बहुत सी बीमारियां हैं, जो मानव जीवन को धीरे धीरे अपना शिकार बना रही हैं। महामारी के दौर में ऐसी समस्याओं पर सरकार एवं समाज का ध्यान कम ही जा रहा है| ऐसी ही एक व्यापक समस्या कुपोषण को है, जो युवाओं विशेषकर किशोरी बालिकाओं में काफी पाया जा रहा है। ऐसी ही परिस्थिति राजस्थान के ग्रामीण अंचलो में धीरे धीरे बढती जा रही है| इसके लिए सामाजिक रीती-रिवाज़ एवं जागरुकता की कमी के साथ साथ सरकारी कार्यक्रमों की पहुँच जिम्मेदार है|