handloom
क्या हैंडलूम व्यावहारिक रूप से लाभदायक ग्रामीण आजीविका प्रदान कर सकता है?
कुछ न कुछ कारण हैं, कि ग्रामीण हैंडलूम (हथकरघा) क्षेत्र की ओर से मुँह नहीं मोड़ा जा सकता। पूर्वोत्तर भारत से हम सीख सकते हैं कि कैसे कारिगरीपूर्ण-बुनाई आज भी आजीविका का एक आकर्षक विकल्प हो सकता है
ग्रामीण भारत में हैंडलूम क्या केवल गरीबी बुनने में सक्षम हैं?
हमें इस बात पर विचार करने की जरूरत है, कि जो कभी ख़ुशियाँ, संस्कृति और आय बुनता था, वो हैंडलूम (हथकरघा) क्यों आज केवल गरीबी बुनता है? यदि कुछेक बाहरी तत्वों को छोड़ दें, तो यह क्यों हमारे ग्रामीण लोगों की आजीविका को बनाए रखने में असमर्थ है?
डिजाइनर सुनिश्चित कर रहे हैं कि हथकरघा बुनकरों का शारीरिक और आर्थिक स्वास्थ्य बना रहे
हैंडलूम कारीगरों के साथ काम करने वाले फैशन डिजाइनर सुनिश्चित करते हैं कि लॉकडाउन के दौरान काम की कमी के बावजूद उनकी आर्थिक जरूरतें पूरी हों, और साथ ही उनके संपर्क में रहकर उनका मनोबल ऊंचा रखते हैं
बुनना भविष्य को, मीटर दर मीटर !
असम के बोडोलैंड के गाँवों में, जहाँ हर बोडो घर में एक करघा है, श्यामा ब्रह्मा बुनाई से ठीक-ठाक आय अर्जित करती हैं, और इस लुप्त होते इस पारंपरिक कौशल को अपनी बेटियों को सौंपने की कोशिश कर रही हैं