Livelihoods
जैव-संसाधनों के संरक्षण से किसान की आजीविका में सुधार
गैर-इमारती वनोपज वर्ग की दुर्लभ और कीमती प्रजातियों का पुनरुद्धार, और उनकी बड़े पैमाने पर गुणात्मक वृद्धि, कृषि आय में वृद्धि के साथ-साथ संरक्षण भी सुनिश्चित करता है
क्या हैंडलूम व्यावहारिक रूप से लाभदायक ग्रामीण आजीविका प्रदान कर सकता है?
कुछ न कुछ कारण हैं, कि ग्रामीण हैंडलूम (हथकरघा) क्षेत्र की ओर से मुँह नहीं मोड़ा जा सकता। पूर्वोत्तर भारत से हम सीख सकते हैं कि कैसे कारिगरीपूर्ण-बुनाई आज भी आजीविका का एक आकर्षक विकल्प हो सकता है
बंगाल की पारम्परिक ‘लाख’ की बनी गुड़िया का भविष्य धुंधला है
माँग की कमी के साथ-साथ कच्चे माल की बढ़ती लागत के कारण, पश्चिम बंगाल में लाख (लाख कीड़े से मिलने वाला लाल रंग का कुदरती पदार्थ, जिसका उपयोग वार्निश, मोहर-सील, चूड़ियों आदि में होता है) की गुड़िया के लिए मौत की घंटी बज गई है, जब केवल एक कारीगर इस पर काम कर रहा है
ग्रामीण भारत को एक संशोधित एनजीओ क्षेत्र की आवश्यकता है
गैर-सरकारी क्षेत्र में समय की आवश्यकता है, कि सरकार ठीक काम न करने वाले गैर-सरकारी संगठनों (एन.जी.ओ.) पर पारदर्शितापूर्ण नियंत्रण रखे और उन संगठनों एवं उनकी टीमों को सम्मान देते हुए सहयोग प्रदान करे, जो ग्रामीण विकास के लिए सकारात्मक योगदान देते हैं