village republics
केवल उपेक्षित भारत गाँवों में रहता है!
महात्मा गांधी के जन्मदिवस के अवसर पर, ग्रामीण भारत पर एक नज़र डालने पर पता चलता है कि हम उनके ‘आत्मनिर्भर गाँव’ के आदर्शों से बहुत पीछे रह गए हैं। इसका एक कारण आधुनिक समय में बदली हुई आकांक्षाएँ हैं।