जलवायु परिवर्तन का असर दुनिया पर पड़ रहा है। सबसे ज्यादा गरीब सबसे ज्यादा पीड़ित है। फिर भी अक्सर ग्रामीण भारतीय सतत विकास और योजनाओं को आजमाने की दिशा में अगुआई कर रहे हैं – यदि इसे व्यापक स्तर पर शुरू किया जाए, तो वास्तविक परिवर्तन पैदा कर सकता है।
पर्यावरण
बाल पंचायतों ने गांव प्रमुखों को, सेवाओं में सुधार के लिए प्रेरित किया
जीवन और सामाजिक सुरक्षा के अपने अधिकारों के प्रति जागरूक, बाल पंचायतों के स्कूली छात्रों ने ग्रामीण प्रशासकों को अपने गांवों के विकास के लिए आवश्यक, बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए मजबूर कर दिया
भूमि आवंटन एकल महिलाओं को गरिमा के साथ जीने में सहायक है
ओडिशा सरकार द्वारा भूमि का मुफ्त आवंटन और केंद्र सरकार की आवास निधि ने ग्रामीण क्षेत्रों की एकल महिलाओं को अपने लिए घर बनाने की क्षमता प्रदान की है।
स्थानीय आजीविकाओं से शोषणकारी श्रम-तस्करी पर लगा अंकुश
गरीब ग्रामीणों को बंधुआ प्रवासी मजदूर बनने से रोकने के लिए, ओडिशा सरकार को, बिचौलियों से मुक्ति और बेहतर मजदूरी के साथ ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम सम्बंधी नए प्रयासों को मजबूत बनाना होगा।
ग्रामीण महिलाओं ने सुजिनी कशीदाकारी को विश्व के मानचित्र पर स्थापित किया
बिहार की महिला शिल्पकारों ने कभी स्थानीय उपयोग के लिए तैयार की जाने वाली पारंपरिक कशीदाकारी सुजिनी को, आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप ढाल कर एक अंतरराष्ट्रीय आकर्षण प्रदान किया है।
तटीय किसान, दमदार घास ‘खसखस’ से दौलत कमा रहे हैं
भारत के पूर्वी तट के किसान, जो हमेशा चक्रवात और बाढ़ के साए में रहते हैं, ने खसखस की खेती से व्यावसायिक सफलता हासिल की है| खसखस, जिसे खस भी कहा जाता है, एक बारहमासी घास है, जिसके कई उपयोग हैं|
बाँस द्वारा वायनाड के ग्रामीणों की गरीबी का निवारण
केरल में वायनाड के ग़रीबी से त्रस्त गांवों को, बाँस के हस्तशिल्प और उपयोग की वस्तुओं के रूप में हरा सोना प्राप्त हुआ है, जिसने गरीबी समाप्त करने में मदद की है और उन्हें नियमित आय का स्रोत प्रदान किया है।
हिमाचल के जैविक खेती करने वाले किसान बाज़ार-परक हुए
हिमाचल के मंडी जिले में, जैविक खेती करने वाले छोटे किसानों को, सामूहिक भागीदारी के माध्यम से, अपनी उपज को सीधे दिल्ली के उपभोक्ताओं को बेहतर मूल्यों पर बेचने में मदद मिली, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि हुई।