Author: जिज्ञासा मिश्रा
सालभर बीहू के इंतज़ार में सामूहिक बुनाई करने वाली मिशिंग महिलाएं अब अकेले कर रहीं बुनाई
आमतौर पर सामुदायिक केंद्र में, समूहों में पारम्परिक कपड़े बुनने वाली मीशिंग जनजाति की महिलाएं, अब घर पर ही अकेले बुनाई करती हैं, ताकि सोशल डिस्टैन्सिंग के माध्यम से कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके