Rural India is home of the original gig-economy worker. Enterprising villagers hop from tilling fields to tending shops, to door-to-door selling each day. Read the latest trends in micro-enterprises, rural start-ups and the shifting livelihoods of India’s villagers.
Livelihoods
बुनना भविष्य को, मीटर दर मीटर !
असम के बोडोलैंड के गाँवों में, जहाँ हर बोडो घर में एक करघा है, श्यामा ब्रह्मा बुनाई से ठीक-ठाक आय अर्जित करती हैं, और इस लुप्त होते इस पारंपरिक कौशल को अपनी बेटियों को सौंपने की कोशिश कर रही हैं
पैसा एवं पुरूषत्व: ग्रामीण परिवारों में बदलती लैंगिक भूमिकाएं
एक ऐसे समय में जब कृषि से जुड़े जीवन में तनाव और आय की अनिश्चितता बढ़ रही हैं, परिवार के लिए साधन जुटाने में ग्रामीण महिलाएं भी पुरुषों के बराबर हो रही हैं, किन्तु पितृसत्ता की पकड़ ढीली होने का नाम नहीं ले रही|
Difficult circumstances force Odisha’s tribes to ignore illnesses
Faced with recurring problems of poverty and famine, tribal people in underdeveloped Kalahandi district avoid seeking treatment for sicknesses, allowing nature take its course
बाल पंचायतों ने गांव प्रमुखों को, सेवाओं में सुधार के लिए प्रेरित किया
जीवन और सामाजिक सुरक्षा के अपने अधिकारों के प्रति जागरूक, बाल पंचायतों के स्कूली छात्रों ने ग्रामीण प्रशासकों को अपने गांवों के विकास के लिए आवश्यक, बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए मजबूर कर दिया
भूमि आवंटन एकल महिलाओं को गरिमा के साथ जीने में सहायक है
ओडिशा सरकार द्वारा भूमि का मुफ्त आवंटन और केंद्र सरकार की आवास निधि ने ग्रामीण क्षेत्रों की एकल महिलाओं को अपने लिए घर बनाने की क्षमता प्रदान की है।
स्थानीय आजीविकाओं से शोषणकारी श्रम-तस्करी पर लगा अंकुश
गरीब ग्रामीणों को बंधुआ प्रवासी मजदूर बनने से रोकने के लिए, ओडिशा सरकार को, बिचौलियों से मुक्ति और बेहतर मजदूरी के साथ ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम सम्बंधी नए प्रयासों को मजबूत बनाना होगा।
Nand Gawalis struggle to sustain pastoralist lifestyle
Traditional pastoral communities find upkeep of indigenous cattle and migratory lifestyle unsustainable because of shrinking common grazing lands, restricted access to forests and water shortage
ग्रामीण महिलाओं ने सुजिनी कशीदाकारी को विश्व के मानचित्र पर स्थापित किया
बिहार की महिला शिल्पकारों ने कभी स्थानीय उपयोग के लिए तैयार की जाने वाली पारंपरिक कशीदाकारी सुजिनी को, आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप ढाल कर एक अंतरराष्ट्रीय आकर्षण प्रदान किया है।
तटीय किसान, दमदार घास ‘खसखस’ से दौलत कमा रहे हैं
भारत के पूर्वी तट के किसान, जो हमेशा चक्रवात और बाढ़ के साए में रहते हैं, ने खसखस की खेती से व्यावसायिक सफलता हासिल की है| खसखस, जिसे खस भी कहा जाता है, एक बारहमासी घास है, जिसके कई उपयोग हैं|